Mazloom Ka Matam Hindi Lyrics

 

Mazloom Ka Matam Lyrics

Mazloom Ka Matam Lyrics- Nadeem Sarwar-This Noha is recited by Nadeem Sarwar and Mazloom Ka Matam Lyrics are written by Nadeem Sarwar & Jawad Jafari.

Mazloom Ka Matam Lyrics | Nadeem Sarwar 2020


  • Composition: Nadeem Sarwar
  • Poetry: Nadeem Sarwar, Jawad Jafri 
  • VideoIdea by Ali Shanawar & Ali Jee
  • Mixed & Mastered: Muhammad Omar Qureshi

Mazloom Ka Matam Lyrics


हुसैन या हुसैन


कम ना होगा


ये तू मज़लूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मज़लूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मज़लूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हर दिल मैं होगा, हर घर मैं होगा


हर दिल मैं होगा, हर घर मैं होगा


दश्त मैं होगा, गुलजार मैं होगा होगा


ये तू मज़लूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हुसैन हां हुसैन...


सैयदा ज़ैनब (स.ए) की ये अज़ा है


फातेमा ज़ेहरा (स.ए) की ये दुआ है x2


ज़ैनुल ऐबा (अ.स) के दिल की सदा है x2


गम ये दिल ए ज़वार मैं होगा होगाHO


मजलूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हर दिल मैं होगा, हर घर मैं होगा


दश्त मैं होगा, गुलजार मैं होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


हुसैन हां हुसैन...


लैश पे शाह के ज़ैनब (स.ए) का वादाWA


देखने की दुनिया अब ये नज़र x2


ऐ मेरे भैया मातम तुम्हारा x2


शाम के खूनी दरबार माई होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हर दिल मैं होगा, हर घर मैं होगा


दश्त मैं होगा, गुलजार मैं होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


हुसैन हां हुसैन...


हान... गम ये तुम्हारा मूला (अ.स) भूला न जमाना


घर घर सज्जा है ये तुम्हारा अज़खाना


हुसैन हां हुसैन...


हान... गम ये तुम्हारा मूला (अ.स) भूला न जमाना


घर घर सज्जा है ये तुम्हारा अज़खाना


सौग तुम्हारा जारी राही गा x2


मातम ये सारे संसार मैं होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हर दिल मैं होगा, हर घर मैं होगा


दश्त मैं होगा, गुलजार मैं होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


हुसैन हां हुसैन...


जहूर मेहदी (ए.एस) जेस रोज होगा,


मंज़र वो कितना पोरस होगा x2


सदस्य पे होगा वारिस हमरा x2


मातम फेर उनकी सरकार मैं होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हर दिल मैं होगा, हर घर मैं होगा


दश्त मैं होगा, गुलजार मैं होगा होगा


मजलूम का मातम है कम ना होगा


ये तू मासूम का मातम है कम ना होगा


हुसैन हां हुसैन...




कम ना होगा, कम ना होगा


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